सोमवार, 19 जुलाई 2021

पंकजा हैं खफा-खफा, वर्षों का गुबार आया सामने


मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार के बाद भाजपा की राष्ट्रीय सचिव और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुकीं पंकजा मुंडे खफा हैं। दरअसल, उनकी नाराजगी के पीछे कोई एक खास कारण नहीं, वर्षों का गुबार है, जो रह-रह कर निकल रहा है। तात्कालिक कारण मोदी के कैबिनेट विस्तार में उनकी छोटी बहन और लोकसभा सांसद प्रीतम मुंडे को जगह नहीं मिलना बताया जा रहा है। पंकजा मुंडे पहले भी पार्टी से जो उम्मीद कर रही थीं वह उन्हें नहीं मिला, लेकिन नाराजगी तब बढ़ गई, जब बीजेपी ने वंजारी समुदाय से ही एक और नेता को आगे कर दिया। 

पंकजा मुंडे के पिता गोपीनाथ मुंडे ने महाराष्ट्र में बीजेपी को स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाई। गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद उनकी बेटी प्रीतम मुंडे को लोकसभा का चुनाव लड़ाया गया। वह जीतीं भी। गोपीनाथ मुंडे की बड़ी बेटी और प्रीतम की बड़ी बहन पंकजा मुंडे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहीं। वह गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। मुंडे महाराष्ट्र में बड़े ओबीसी नेताओं में थे।

 पंकजा के समर्थकों ने प्रीतम मुंडे को कैबिनेट में शामिल न करने पर खुलकर नाराजगी जाहिर की और विरोध भी किया। बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने बीजेपी की स्थानीय यूनिट से इस्तीफा दिया। पंकजा समर्थकों का मानना है कि संगठन में उन्हें धीरे-धीरे किनारे करने की कोशिश हो रही है। पंकजा और प्रीतम को बीजेपी के ओबीसी नेताओं के रूप में जाना जाता है। लेकिन बीजेपी के वंजारी समुदाय से आने वाले भागवत कराड को आगे करने से यह संदेश गया है कि बीजेपी नई लीडरशिप पैदा करना चाहती है। यही पंकजा के खफा होने की वजह भी है। 

 पंकजा के समर्थकों ने इस बार आर-पार की लड़ाई का मूड बना लिया था, लेकिन पंकजा ने उन्हें शांत कराया। पंकजा ने स्वीकार किया कि प्रीतम को कैबिनेट में जगह न मिल पाने से नाराज हैं, लेकिन यह सिद्धांतों के लिए धर्म युद्ध का सही समय नहीं है। इसका फैसला सही समय पर लिया जाएगा। दरअसल, पंकजा की प्रदेश के कुछ नेताओं से लड़ाई जगजाहिर है। बड़ी बात यह है कि पंकजा ने इसे छुपाया भी नहीं और केंद्रीय नेतृत्व पर भरोसा भी जताया। पंकजा ने दो टूक कहा कि मेरे नेता पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा है। 

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