मंगलवार, 27 जुलाई 2021

अब छत्तीसगढ़ की बारी, घमासान जारी

  


विद्रोह के संकेत छत्तीसगढ़ में मिलने लगे हैं। 10 जनपथ को अब एक और मोर्चे से झटका लगने की संभावना है। कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के आरोपों पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव भी अब आरपार के मूड में हैं। कांग्रेस विधायक ने टीएस सिंह देव  पर अपनी हत्या की साजिश का आरोप लगाया था। इसके बाद सदन में बीजेपी ने मामले में जांच की मांग की थी। टीएस सिंह देव ने अब सदन में अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

मंगलवार को सदन से बाहर जाने के पहले टीएस सिंह देव ने  कहा कि मैं केवल ये कहने के लिए खड़ा हुआ हूं कि मेरे विषय में सदन में शासन का स्पष्ट वक्तव्य नहीं आ जाता, तब तक मैं खुद को सदन की कार्यवाही में सम्मिलित होने के योग्य नहीं समझता हूं। इसके बाद टीएस सिंह देव अपने आवास के लिए निकल गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टीएस सिंह देव आज दिल्ली निकल सकते हैं। वहां केंद्रीय नेताओं से उनकी मुलाकात संभव है।  सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता टीएस सिंह देव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बदलने के लिए पार्टी आलाकमान के साथ बैठक की मांग की हैं।

पंजाब और राजस्थान के अलावा छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां इस समय कांग्रेस का शासन है।  पंजाब मंे जहां सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू आमने-सामने हैं, वहीं राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट इस पार्टी से नाखुश हैं, जिसके कारण कई महीने पहले बगावत हुई थी।   हरियाणा खेमे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा को लेकर विधायकों के दो गुट बन गए हैं। अब छत्तीसगढ़ की रार से कांग्रेस परेशान है।   

दरअसल, कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव पर आरोप लगाया था कि वह मेरी हत्या करवाकर सीएम बनना चाहते हैं। इसके बाद से प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मच गया है। टीएस सिंह देव ने इन आरोपों पर कहा था कि वह भावनाओं में बह कर ऐसा कह गए होंगे। उसके बाद सोमवार को इसे लेकर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया रायपुर में एक्टिव रहे और नेताओं से मिलते रहे। आरोप लगाने वाले विधायक भूपेश बघेल के समर्थक हैं। इस प्रकरण को लेकर कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने सदन में जाकर सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की थी। पूरे मसले पर उनसे बात हुई थी। साथ ही टीएस सिंह देव और विधायक बृहस्पति सिंह से भी उनकी बात हुई थी। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि अब कोई विवाद नहीं है। सारे विवाद खत्म हो गए हैं।

लेकिन मंगलवार को टीएस सिंह देव ने खुद ही मोर्चा खोल दिया है। अब सीधे उन्हें शासन पर हमला कर दिया है। अब गेंद भूपेश सरकार के पाले में है कि वह क्या जवाब देती है। मगर सदन की कार्यवाही से बाहर निकलकर कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। याद रहे कि जब 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब 50-50 फॉर्मूले की खबरें आई थीं। सीएम बघेल ने 17 जून को 2.5 साल पूरे कर लिए हैं।

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