मंगलवार, 20 जुलाई 2021

संसद में शोर, यह सरकार मुंहजोर

 


संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी विपक्षी दलों के हंगामे के साथ कार्यवाही की शुरुआत हुई। राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित होने के बाद जब शुरू हुई, तब सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कोविड महामारी को लेकर केंद्र पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'इतने बड़े देश में कोरोना से कितने लोग मरे, क्या ये रहस्य ही बना रहेगा? सरकार देश में कोरोना से 4 लाख से अधिक मौतों की बात बताती है। ये आंकड़े सत्य से दूर हैं।

दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा पांच मिनट भी नहीं चल सकी और दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। वहीं राज्यसभा पहले 12 बजे तक फिर एक बजे और तीसरी बार आधे घंटे के लिए स्थगित हो गई।  'पेगासस जासूसी प्रकरण' के साथ कृषि कानून विरोधी आंदोलन और महंगाई के मुद्दों पर विपक्ष दल हंगामा कर रहे हैं। कई विपक्षी सांसदों ने पहले ही संसद में स्थगन प्रस्ताव दिया है।  

राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने कहा कि कोविड पर चर्चा के लिए सभी नेता अध्यक्ष से मिले हैं और उन्हें इसके लिए इजाजत दी गई है।  दूसरी तरफ, शिरोमणि अकाली दल ने कृषि कानूनों के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने बताया कि इन कृषि कानूनों के खिलाफ सिर्फ शिरोमणि अकाली दल खड़ा है। कांग्रेस अपनी कुर्सी बचाने में लगी हुई है। 

लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष के हंगामे को देखते हुए कहा कि तख्तियां सदन में लाना नियम-प्रक्रियाओं के विरुद्ध है। आप नियम के तहत नोटिस दें तो हर विषय पर चर्चा को सरकार तैयार है। आप गलत परंपरा डाल रहे हैं। सांसदों को उन्होंने नियम और प्रक्रियाओं का पालन करने को कहा। 

इसी बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा सरकार और पेगासस मामले में कोई लिंक नहीं है। विपक्ष मामले को तूल देने की कोशिश में जुटा है। बता दें कि कांग्रेस सांसद गौरव गोगोइ ने पेगासस के मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में स्थगन प्रस्ताव दिया है। उधर, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर आरोप लगाया कि राहुल गांधी समेत सभी विपक्षी पार्टियों, पत्रकारों की जासूसी कराई जा रही है। जांच से पहले अमित शाह साहब को इस्तीफा देना चाहिए। 


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