गुरुवार, 22 जुलाई 2021

बादलों को इलेक्ट्रिक शॉक

धरती पर सबसे गरम जगहों में से एक संयुक्त अरब अमीरात में पारा 50 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। तपती गर्मी से निजात पाने के लिए अब एक खास तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के साथ मिलकर ड्रोन टेक्नॉलजी की मदद से यहां आर्टिफिशल बारिश की जा रही है, जिससे लोगों को थोड़ी भी राहत मिल सके। देश के राष्ट्रीय मौसम केंद्र ने इससे मिली सफलता का फुटेज भी शेयर किया है।  

 संयुक्त अरब अमीरात में इन दिनों भयंकर गर्मी पड़ रही है। हालत इतनी खराब है कि पारा 120 डिग्री फॉरेनहाइट यानी कि करीब 50 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है। ऐसी प्रचंड गर्मी में तप रहे यूएई के लोग बारिश के लिए बुरी तरह तरस रहे थे, लेकिन बारिश की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही थी। ऐसे में प्रशासन ने खुद ही कृत्रिम बारिश कराने का फैसला किया। सफलता मिली भी। मौसम विभाग ने दुबई समेत देश के कई हिस्सों में भारी बारिश होने का वीडियो जारी किया है। साथ ही बताया है कि ये क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन का हिस्सा थी। इस मिशन में औसतन सिर्फ चार इंच बारिश कराई जा सकती है। 

इस कृत्रिम बारिश के लिए ड्रोन तकनीक का सहारा लिया गया। शॉक के जरिए बादलों को छोड़ा जाता है ताकि वे एक साथ टकरा सकें और बारिश कर सकें। मौजूदा प्रणाली का नेतृत्व इंग्लैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के शोधकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है।  उम्मीद  है कि इस तकनीक को ट्रिगर की तरह इस्तेमाल करके बारिश की मात्रा को बढ़ाया जा सकेगा।  

बता दें कि यूएई दुनिया के 10 सबसे गर्म देशों में से एक है। यहां साल में सिर्फ तीन इंच औसतन बारिश होती है। बारिश बढ़ाने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर के प्रॉजेक्ट चलाए जा रहे हैं। इस प्रोग्राम की डायरेक्टर आलया अल-मजरोई ने  बताया कि इलेक्ट्रिक चार्ज रिलीज करने वाले उपकरण ड्रोन हवा में ले जाते हैं और वहां बादलों में हलचल पैदा करते हैं जिससे बारिश होती है। इसके लिए पहले से यह देखा जाता है कि बादलों की स्थिति क्या है। जैसे ही बादल बनते देखे जाते हैं, ड्रोन लॉन्च कर दिए जाते हैं। ऐसा भी नहीं है कि हर बार चार्ज देने पर बारिश होती ही है, लेकिन ज्यादातर होती है।

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