गुरुवार, 22 जुलाई 2021

जम्मू-कश्मीर अब सबका...लैंगिक असमानता दूर करने बड़ा फैसला

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के लागू होने के वक्त तक सिर्फ राज्य की महिलाओं को ही यहां का स्टेट सब्जेक्ट मानकर डोमिसाइल दिया जाता था। वहीं पुरुषों के साथ ये नियम नहीं थे।  जम्मू-कश्मीर के पुरुष अगर दूसरे राज्य की महिला से शादी करते थे तो उनके बच्चे राज्य के स्थायी निवासी कहे जाते थे। अब  प्रशासन ने कहा है कि वो लोग जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की महिला से विवाह किया है, वह भी प्रदेश के स्थानीय निवासी बनने के पात्र होंगे।  ऐसे दंपति के बच्चे भी स्टेट डोमिसाइल लेने के योग्य होंगे।

जम्मू-कश्मीर में लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। केंद्र शासित प्रदेश के डोमसाइल कानूनों में बदलाव करते हुए  20 जुलाई 2021 को जारी आदेश में कहा गया है कि अब दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग, जिन्होंने कश्मीरी महिला से शादी की है, उनके बच्चे भी कश्मीर के स्थायी निवासी बन सकते हैं। जम्मू और कश्मीर में जब तक अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए लागू था, तब तक ऐसी दशा में सिर्फ महिला ही कश्मीर की स्थायी निवासी रहती, उसके बच्चों और पति को इस दायरे से बाहर रखा गया था।  

आर्टिकल 35-A जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के 'स्थायी निवासी' की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को कुछ खास अधिकार दिए गए हैं। साल 1954 में इसे राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से संविधान में जोड़ा गया था। 1956 में जम्मू-कश्मीर का संविधान बनाया गया था और इसमें स्थायी नागरिकता की परिभाषा तय की गई थी।  इस अनुच्छेद की वजह से देश के कई कानून जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं होते थे।  

अब वह लोग भी राज्य के स्थायी निवासी बन सकते हैं, जिन्होंने यहां कि किसी स्थानीय महिला से विवाह किया है। इस महिला के बच्चे भी राज्य के स्थायी निवासी बनने के पात्र होंगे। इसके लिए इन्हें सक्षम अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। स्टेट के डोमिसाइल सर्टिफिकेट को हासिल करने वाले ये लोग सरकारी नौकरियों में आवेदन के भी पात्र होंगे। इसके अलावा ये लोग यहां की संपत्तियों को भी खरीद और बेच सकेंगे। इनके अलावा डोमिसाइल कानूनों के तहत ऐसे पात्रों को कई अन्य सुविधाएं भी मिल सकेंगी।


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