सोमवार, 19 जुलाई 2021

रासुका लगाने पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, कहा- यह मौलिक अधिकार का उल्लंघन



सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के उपचार को लेकर बीजेपी नेताओं की आलोचना करने पर रासुका के तहत हिरासत में लिए गए मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता को सोमवार शाम पांच बजे तक रिहा करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा कि उनको हिरासत में रखने से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा। मणिपुर जेल अधिकारियों को इस आदेश के बारे में तुरंत सूचित किया जाए, ताकि सोमवार शाम पांच बजे तक कार्यकर्ता को रिहा किया जा सके।

कार्यकर्ता के पिता की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया था कि उनके बेटे ने 13 मई को सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट में कोविड-19 के इलाज के लिए गोबर तथा गोमूत्र के इस्तेमाल की आलोचना की थी।  13 मई को यह पोस्ट करने के बाद उसे खुद ही हटा भी दिया था।  मणिपुर भाजपा के प्रमुख एस टिकेंद्र सिंह के निधन के बाद भाजपा नेताओं के कोविड-19 से निपटने के लिए गोबर तथा गोमूत्र के इस्तेमाल करने जैसे अवैज्ञानिक तथ्यों तथा उनके गलत जानकारियां फैलाने की आलोचना करने के संदर्भ में उसने वह बयान दिया था।

उसने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि गोमूत्र और गोबर कोरोना का इलाज नहीं है, लेकिन इस साफगोई की उसे सजा मिली। पत्रकार किशोर चंद्र वांगखेम के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम  लगा दिया गया। इसके बाद प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष उषाम देबन और महासचिव पी प्रेमानंद मीतेई ने  पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उसके आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत उनको गिरफ्तार कर लिया.

वकील शादान फरासत ने कहा कि इस आलोचना के लिए इरेंद्रो ने अपने खिलाफ शुरू किए गए आपराधिक मामलों के अनुसार हिरासत में कुछ दिन बिताए और उसके बाद जमानत मिलने के बाद भी वह हिरासत में हैं। जिला मजिस्ट्रेट के रासुका के तहत उन्हें हिरासत में रखने का आदेश देने के कारण रिहा नहीं किया गया। 

राजनीतिक कार्यकर्ता इरेंद्रो लिचोमबाम के पिता एल रघुमणि सिंह की ओर से पेश अधिवक्ता शादान फरासत ने कहा कि निवारक निरोध खंड  का उपयोग ऐसे मामले में किया गया है, जहां साधारण दंड प्रावधानों की भी आवश्यकता नहीं है। याचिका में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून  के तहत राजनीतिक कार्यकर्ता को हिरासत में रखने को चुनौती दी गई है।  


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