बुधवार, 21 जुलाई 2021

बच्चों को कोरोना कवच जल्द



बच्चों में भी अब कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन की उम्मीद बढ़ गई है। न केवल देसी कोवैक्सीन, बल्कि विदेशी वैक्सीन की उपलब्धता भी देश में होने वाली है। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने जहां एक तरफ कम संक्रमण वाले जिले में स्कूल खोले जाने की बात कही है, वहीं उनका कहना है कि बच्चों का वैक्सीनेशन होने से माता-पिता का कॉन्फिडेंस बेहतर होगा, वे अपने बच्चे को स्कूल भेजने के बारे में सोच सकते हैं।

एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया की मानें तो देश में बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। ट्रायल की रिक्रूटमेंट पूरी हो चुकी है। इसके ऑब्जर्वेशन और इम्युनिटी का डेटा तैयार किया जा रहा है।  पूरी उम्मीद है कि इसका अंतिम डेटा सितंबर तक आ जाएगा और उसके बाद बच्चों में भी वैक्सीनेशन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में कई विकल्प होंगे। साथ ही जिस तरह के सबूत आ रहे हैं उसमें यह भी देखा जा रहा है कि बच्चों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी भी मिल रही है।

फिलहाल, देश में 2 से 18 साल की उम्र के बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल जारी है। दिल्ली के एम्स सहित देश के छह सेंटरों पर 575 बच्चों पर यह ट्रायल हो रहा है। पहले डोज का वैक्सीनेशन हो चुका है, दूसरे डोज की भी शुरुआत हो चुकी है। अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही फैसला लिया जा सकता है कि बच्चों में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाए या नहीं।  

सूत्रों का कहना है कोवैक्सीन से पहले भारत में जाइडस की जायकोव-डी वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो सकता है। इस वैक्सीन ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए डीजीसीआई से मंजूरी मांगी है, लेकिन चूंकि इसका ट्रायल 12 से 18 साल के बच्चों पर ही हुआ है, इसलिए बहुत छोटे बच्चों को यह वैक्सीन नहीं दी जा सकती। इस वैक्सीन की एक और खास बात है जो बच्चों के इस्तेमाल के लिए बेहतर हो सकती है कि यह वैक्सीन निडल फ्री है। इसे जेट इंजेक्टर से दी जा सकती है, जिससे बच्चे इसे लेने से हिचकेंगे नहीं।

इसके अलावा आने वाले समय में अमेरिकी कंपनी फाइजर की वैक्सीन को भी देश में अनुमति मिल सकती है। यह एमआरएनए बेस्ड वैक्सीन है जिसका बच्चों पर भी ट्रायल हुआ है।


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