उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। यह वारंट स्थानीय अदालत ने डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में 71 लाख रुपए से ज्यादा की धनराशि के कथित गबन के मामले में जारी किया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार त्यागी ने लुईस के साथ-साथ ट्रस्ट के सचिव अतहर फारुकी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को रखी गई है।
आर्थिक अपराध शाखा ने जून 2017 में इस मामले की जांच शुरू की थी और निरीक्षक राम शंकर यादव ने कायमगंज थाने में लुइस खुर्शीद और फारूकी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। लुईस संबंधित परियोजना की निदेशक थीं। इस मामले में 30 दिसंबर 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
डॉक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को मार्च 2010 में उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में दिव्यांग लोगों को व्हीलचेयर, ट्राई साइकिल और सुनने के यंत्र वितरित करने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार से 71 लाख 50 हजार रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ था। इस रकम में गबन करने का आरोप ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर लगा था। इल्ज़ाम था कि उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के फर्जी दस्तखत करके और मुहर लगाकर केंद्र सरकार से वह अनुदान हासिल किया गया था।
ट्रस्ट ने दावा किया था कि उसने एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, कासगंज, मैनपुरी, अलीगढ़, शाहजहांपुर, मेरठ तथा बरेली समेत प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में शिविर लगाकर दिव्यांग बच्चों को वे उपकरण बांटे थे। बाद में जांच में पता लगा कि वे शिविर कभी लगाए ही नहीं गए थे।
याद रहे, कथित भ्रष्टाचार को लेकर अरविंद केजरीवाल तत्कालीन केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के इस्तीफे की मांग पर अड़े थे। उन्हें हिरासत में भी लिया गया था। सलमान ख़ुर्शीद को निशाना बनाते हुए केजरीवाल ने कहा था कि सलमान खुर्शीद की पत्नी के ट्रस्ट से विकलांगों के लिए कोई सामान वितरित नहीं किया गया, बल्कि अधिकारियों के फ़र्ज़ी दस्तख़त करके सरकारी पैसे को लूट लिया गया। केजरीवाल के अनुसार ट्रस्ट ने 17 में से 10 ज़िलों में कोई सामान नहीं बांटा।
जवाब में तब तमाम आरोपों को ख़ारिज करते हुए सलमान ख़ुर्शीद की पत्नी ने एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान कहा था कि उनके ट्रस्ट ने किसी तरह का कोई घपला नहीं किया है।
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