कानपुर में कॉल सेंटर की आड़ में 12 हजार अमेरिकियों को ठगने के आरोपी गैंग के मुख्य सरगना को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी जसराज सिंह दिल्ली का निवासी है। वह लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन है। उसके पास कई महंगी कारें हैं। वह लड़कियों पर भी डोरे डालता था। क्राइम ब्रांच ने जब कानपुर में उसे पकड़ा तो वह बीएमडब्ल्यू कार में घूम रहा था। उसकी पोल तब खुली जब कानपुर पुलिस ने 14 जुलाई को अमेरिकियों को ऑनलाइन ठगने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
कानपुर में कॉल सेंटर की आड़ में 12 हजार अमेरिकियों को ठगने के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। बताया जाता है कि आरोपी अमेरिका से कॉल आने पर खुद को माइक्रोसॉफ्ट का कर्मचारी बताते थे। कानपुर में कॉल लैंडिंग कराने के लिए वे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे। मिली जानकारी के अनुसार, कुल ठगी करीब 8 करोड़ रुपये की है।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गैंग का मुख्य सरगना जसराज सिंह खुद को नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन का ग्रैजुएट बताता है। दिल्ली के अपने बुटीक से वह कथित तौर पर कपड़े निर्यात करता था। वह एक दोस्त के जरिए बीते दिनों पकड़े गए आरोपी मोहिंदर शर्मा के संपर्क में आया था। मोहिंदर ने ही कॉल सेंटर खोल विदेशियों को ठगने का आइडिया उसे दिया था।
इसके बाद जसराज ने अमेरिका में अपने साथी टॉड थॉमस से संपर्क किया था। पूरा प्लान तैयार करने के बाद सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ रखे गए थे। थॉमस के जरिए 30 प्रतिशत रकम गेटवे को देने और 70 फीसदी भारत भेजने की व्यवस्था की गई। रकम भारत बिना रुकावट पहुंचे, इसके लिए बैंक ऑफ अमेरिका के कई डेबिट कार्ड और वन टाइम पासवर्ड के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एफओबी डिवाइस भी भारत भेजी गई। 25 एटीएम से रुपए निकालकर बंटवारा होता था।
जसराज के 22 बैंक खातों को पुलिस फ्रीज करवाने में जुट गई है। उसके मोबाइल की वॉट्सऐप चैट में मोहिंदर से बातचीत और रुपयों के लेन-देन के सबूत मिले हैं। लैपटॉप में धोखाधड़ी से संबंधित डेटा भी मिला है। विदेशों से आए रुपयों के लिए टॉड थॉमस के खाते का भी इस्तेमाल होता था। जसराज की कनाडा निवासी दोस्त हर्ष बरार का बैंक खाता भी इस धोखाधड़ी में प्रयोग किया जाता था।
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