मंगलवार, 20 जुलाई 2021

लालू को दो अनमोल रतन, एक के हवाले पार्टी, दूसरे को राजनीतिक विरासत

 


बिहार की राजनीति में लालू परिवार और राष्ट्रीय जनता दल  से जुड़ी दो अटकलों ने हलचल मचा दी है। पहली अटकल ये कि तेजस्वी यादव अब लालू की जगह आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। दूसरी अटकल इससे कुछ ज्यादा ही खास है। चर्चा  तेज है कि तेजप्रताप यादव राजद के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। साफ है कि बिहार की राजनीति को नई दिशा मिलने जा रही है। इससे अन्य दलों में भी बेचैनी है, क्योंकि तेजप्रताप यादव की शैली से कोई नावाकिफ नहीं। 

 लालू के राजद में इस फेरबदल को समझने के लिए थोड़ा फ्लैशबैक में जाना होगा।  5 जुलाई को जब आरजेडी की स्थापना की रजत जयंती मनाई जा रही थी, तब मंच से ही तेजप्रताप ने कहा था कि 'तेजस्वी यादव को तो ज्यादा वक्त नहीं मिलता है, लेकिन मैं तो हमेशा पार्टी कार्यालय आता रहता हूं। तेजस्वी यादव तो देश-दुनिया में व्यस्त रहते हैं। जब वह दिल्ली चले जाते हैं तो तो मैं यहां आकर मोर्चा संभालता हूं।' उनके इस बयान को लोग सामान्य मानकर चल रहे थे, लेकिन उसका अर्थ अब सामने आ रहा है। 

 वे तब वास्तव में ये कहना चाह रहे थे कि देश की राजनीति को तेजस्वी बतौर आरजेडी अध्यक्ष संभालेंगे और बिहार की राजनीति बतौर प्रदेश अध्यक्ष तेजप्रताप अर्थात मैं संभालूंगा।  लालू यादव की तबीयत खराब चल रही है और पत्नी की तरह बेटों को राजनीतिक विरासत सौंप कर निश्चिंत होना चाहते हैं। लिहाजा, वह कोई बड़ा फैसला लेने के मूड में हैं।  

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पिछले काफी समय से बीमार चल रहे लालू यादव चाहते हैं कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पद पर रहते हुए ही तेजस्वी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाए।   पार्टी के लिए तेजस्वी यादव जिस तरह से मेहनत कर रहे हैं, उससे लालू यादव खुश हैं और चाहते हैं कि पार्टी के बड़े फैसले अब तेजस्वी यादव लें और वे संरक्षक की भूमिका में रहें।

इसी बीच,  9 जुलाई को तब हड़कम्प मच गया, जब जगदानंद सिंह के पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की खबर सामने आई थी। हालांकि, लालू यादव ने  जगदानंद सिंह को मना लिया और आरजेडी ने उनके इस्तीफे को अफवाह  करार दे दिया। तब तक जगदानंद सिंह ने अपने इस्तीफे की न तो पुष्टि की थी, न ही अफवाह को खारिज किया था। 


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