गुरुवार, 22 जुलाई 2021

तिब्बत के युवाओं को भड़का रहा चीन, कर रहा आर्मी में भर्ती

 

भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध के बीच चीन की तरफ से लगातार नई-नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। चीन ने युवा तिब्बतियों को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी  में शामिल करने के प्रयास तेज कर दिया है। चीन चाहता है कि तिब्बती युवा सेना में शामिल होने के साथ ही स्थानीय मिलिशिया में भर्ती हों और बॉर्डर पर गाइड के रूप में कार्य करें। चीन की तरफ से अपनी सैन्य स्थिति को मजबूत करने और अपने एयरबेस को अपग्रेड करने का काम लगातार जारी है। यह भारत के लिए खतरे की घंटी है।

चीन में एक ऐसा शासन है, जो सतह पर भले मज़बूत दिखे, पर बहुत कम सुरक्षित है और इसलिए खुलेआम आक्रामकता इसका पसंदीदा तरीका है। यह जैसेजैसे झिंजियांग और हांगकांग में अपने आचरण के लिए वैश्विक जांच के दायरे में आएगा, वैसेवैसे तिब्बत और ताइवान पर और रक्षात्मक होता जाएगा। यही कारण है कि भारत के विशेष फ्रंटियर फोर्स की दक्षता से परेशान पीएलए भी अधिक से अधिक तिब्बतियों की भर्ती की कोशिश कर रहा है।

पीएलए ने इस साल टीएआर में सैन्य अकादमी में प्रवेश के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों से 17 से 20 आयु वर्ग के 70 से अधिक तिब्बती छात्रों की भी भर्ती की है। एक अधिकारी ने कहा, 'यह सीमावर्ती गांवों के तिब्बती निवासियों को भी शामिल कर रहा है, जिन्हें एलएसी का अच्छा भौगोलिक ज्ञान है, ताकि वे अपने गश्त दलों के साथ गाइड के रूप में काम कर सकें।'  

इसके साथ ही पीएलए ने एक साथ टीएआर में यातुंग काउंटी के तहत, सिक्किम के सामने चुम्बी घाटी में मिलिशिया का एक नया ग्रुप खड़ा किया है। इन लड़ाकों में से एक को 'मिमांग चेटन'  के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है 'जनता के लिए' इसमें पीएलए की तरफ से प्रशिक्षित स्थानीय तिब्बती युवा शामिल हैं। एक बैच में लगभग 100 युवाओं के साथ एमसी के कम से कम दो बैचों को तैनात किया गया है।

भारतीय सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि नवीनतम खुफिया रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र  के नगारी प्रान्त जैसे कुछ क्षेत्रों में प्रत्येक तिब्बती परिवार के लिए कम से कम एक युवा पुरुष सदस्य को पीएलए में शामिल होना 'अनिवार्य' बना दिया है।

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