झारखंड की हेमंत सरकार को गिराने की साजिश राजनीतिक बिसात की सधी चाल है या शातिर दिमाग की उपज, इससे पर्दा उठना बाकी है। लेकिन प्रकरण में तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद रोज नये, नये पत्ते खुल रहे हैं। पकड़े गये लोगों में फल-सब्जी बेचने वाला, दिहाड़ी मजदूर और किराना दुकान चलाने वाले का नाम आने और महज दो लाख रुपये की बरामदगी के बाद पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठ रहा था। मगर स्वीकारोक्ति बयान और आरोप-प्रत्यारोप के सिलसिले के बीच नई नई बातें आ रही हैं।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने इस मसले पर प्रदेश नेतृत्व से जानकारी मांगी है, जल्द ही रांची आकर वे इस मसले पर विमर्श करने वाले हैं। 28 जुलाई को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने वाली है, उसमें हंगामा के आसार हैं। पूरे प्रकरण में झारखंड पुलिस भी सवालों के घेरे में है। सरकार गिराने की साजिश, आरोपियों पर राजद्रोह का मुकदमा, तीन की गिरफ्तारी, दूसरे राज्यों से कनेक्शन के बावजूद राज्य के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक या इसी तरह के किसी बड़े पुलिस अधिकारी ने पक्ष तक नहीं रखा। पुलिस रेड में हवाई टिकट, राशि, स्वीकारोक्ति बयान में डील में शामिल दूसरे राज्य के नेताओं के नाम, होटल, गाड़ी का मॉडल तक स्पष्ट लिखा गया है, मगर झारखण्ड के कौन-कौन विधायक साथ थे इसका खुलासा पुलिस नहीं कर रही है।
बता दें कि सरकार गिराने की साजिश के सिलसिले में रांची के होटल ली लेक में 22 जुलाई को रेड कर दो लाख रुपये, चार सूटकेस, हवाई जहाज के टिकट, कई मोबाइल फोन जब्त किए गए थे। आरोप है कि महाराष्ट्र के कुछ नेताओं के इशारे पर इन लोगों ने विधायकों की खरीद के लिए जाल बुना और तीन विधायकों को दिल्ली ले गये थे। पकड़े गये लोगों ने पुलिस को बताया है कि तीनों विधायक उनके साथ दिल्ली गये थे, वहां होटल विवांता में ठहरे थे। अमित सिंह ने पुलिस को बताया है कि पुलिस रेड के एक दिन पहले 21 जुलाई को रांची के एक रेस्टूरेंट में जयकुमार बेलखड़े (महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर राव बावनकुल के भांजा ) ने फोन पर बुलाया था, उनके साथ अभिषेक दुबे और एक अन्य व्यक्ति भी था। इसे बाद एक विधायक से मिलने उसी शाम हजारीबाग सर्किट हाउस पहुंचा।
छानबीन के लिए गठित विशेष टीम की अलग-अलग टोली दिल्ली, महाराष्ट्र जाकर कनेक्शन खंगालने में जुटी है। जांच टीम मुंबई, दिल्ली एयरपोर्ट, होटलों के सीसीटीवी फुटेज के साथ, झारखंड के कुछ ठिकानों से साक्ष्य जुटाने मंं लगी है। संबद्ध लोगों के मोबाइल लोकेशन भी जुटाये जा रहे हैं। जल्द ही सरकार को अस्थिर करने की साशिज से कुछ और परतें हटेंगी।
इस बीच, राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने झारझंड की जेएमएम-कांग्रेस सरकार गिराने को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री तथा प्रदेश भाजपा के महासचिव चंद्रशेखर बावनकुले और भाजपा के कई नेताओं पर षड्यंत्र करने का गंभीर आरोप लगाए हैं। मलिक ने कहा कि सरकार गिराने के मामले की जांच के लिए झारझंड पुलिस की एसआईटी टीम मुंबई आने वाली है। महाराष्ट्र सरकार और यहां की पुलिस झारझंड की एसआईटी के जांच कार्य में पूरी तरह से सहयोग करेगी।
मलिक ने कहा कि झारझंड सरकार गिराने की साजिश में महाराष्ट्र कनेक्शन सामने आ रहा है। मलिक ने कहा कि झारझंड पुलिस ने पत्रकार अभिषेक दूबे को गिरफ्तार किया है। दूबे ने पुलिस जांच में कई अहम खुलासे किए हैं। मलिक ने कहा कि बावनकुले के भांजे और कारोबारी जय कुमार बेलखड़े के जरिए झारखंड के कांग्रेस विधायक अमित कुमार यादव, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी और निर्दलीय विधायक उमाशंकर अकेला को दिल्ली बुलाया गया था। दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में बावनकुले ने महाराष्ट्र भाजपा के दो विधायकों के साथ झारखंड के इन तीनों विधायकों से मुलाकात की थी। उस बैठक में झारखंड के तीनों विधायकों को पैसे देने की बातचीत हुई।
मलिक ने कहा कि झारखंड के सत्ताधारी विधायकों को मंत्री पद और 50 करोड़ रुपए देने का प्रलोभन दिया जा रहा है, जबकि प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा कि मलिक के आरोपों में कोई तथ्य नहीं है। मुझे लगता है कि बेबुनियाद बातों पर टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है।
सरकार गिराने की साजिश के आरोपों पर भाजपा नेता बावनकुले ने कहा कि मेरी झारखंड सरकार गिराने की औकात नहीं है। किसी ने मुझे बदनाम करने की साजिश की है। मुझे नहीं मालूम कि आरोपियों ने मेरा नाम क्यों लिया है लेकिन यह बात पक्की है कि मैंने झारखंड नहीं देखा है। इस मामले में पुलिस अपनी जांच करेगी।
झारखंड विधायक खरीद प्रकरण में चर्चा में आए जयकुमार बेलखेड़े का संपर्क जाल देश भर में फैला है। खास बात यह है कि पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले व पूर्व नगराध्यक्ष चरणसिंह ठाकुर से भी उसके नजदीकी संबंध रहे हैं। वह मूलत: वर्धा जिले के कारंजा लाड का निवासी है, लेकिन काफी समय से काटोल क्षेत्र में सक्रिय है। वह भारतीय सेना में रहा है। काटोल में एक सैनिक स्कूल का संचालन भी कर रहा है।
चरणसिंह ठाकुर भी बावनकुले के बयान को दोहराते हुए कह रहे हैं कि उन्होंने झारखंड नहीं देखा है। ठाकुर ने कहा है कि पारडसिंगा मंदिर परिसर विकास की योजना के संबंध में वे 15 जुलाई को दिल्ली गए थे। 16 जुलाई को ही नागपुर लौट आए थे। झारखंड के किसी विधायक से मुलाकात नहीं की।
वैसे स्थानीय स्तर पर देखा जाए तो बोर्ड निगम, आयोग और बीस सूत्री समितियों में स्थान को लेकर सरकार पर दबाव बनाने वाली कांग्रेस खुद के बचाव की मुद्रा में आ गई है। निर्दलीय विधायक अमित यादव के साथ प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी और कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला का नाम आने के बाद कांग्रेस सफाई की मुद्रा में है। कांग्रेस विधायक नमन विकसल कोंगाड़ी ने यह कहकर आग में घी डालने का काम किया है कि उन्हें पूर्व में ही मंत्री बनाने और बहुत बड़ी राशि का ऑफर मिला था। इससे असंतुष्ट चल रहे कांग्रेस के दूसरे विधायक भी शक के दायरे में आ गये हैं।
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