कनाडा ने भारत की उड़ानों को 21 अगस्त तक के लिए सस्पेंड कर दिया है। कनाडा सरकार के इस निर्णय से वहां रह रहे भारतीयों को बड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए कनाडा ने यह फैसला लिया है। कनाडा ने अपने नागरिकों से अपील की है कि अगले नोटिस तक कोरोना के खतरे को देखते हुए देश के बाहर सफर करने से बचें। और देश में भी सामान्य सतर्कता के नियमों का पालन करें।
कनाडा कोरोना संक्रमण को लेकर गंभीर है। इस निर्णय के पहले भी उसने कोविड-19 के नए स्वरूप को फैलने से रोकने के लिए भारत और पाकिस्तान से सीधी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब वह इसे लगातार बढ़ाता जा रहा है। सरकार ने एक बयान में कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा अन्य देशों के नागरिकों को 7 सितंबर से आने की अनुमति दी जाएगी। उन्हीं लोगों को आने की अनुमति दी जाएगी, जिन लोगों ने वैक्सीन की सभी डोज लगवा ली है।
आधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि भारत से किसी तीसरे देश के रास्ते कनाडा जाने वाले लोगों को किसी तीसरे देश में कोरोना वायरस मोलेक्यूलर टेस्ट कराना होगा। इसमें निगेटिव होने पर ही कनाडा में घुसने की अनुमति दी जाएगी। अगर यात्रा करने वाले लोग पहले कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं तो उन्हें अपनी यात्रा से 14 से लेकर 90 दिन पहले टेस्ट कराना होगा। इसे भी किसी तीसरे देश में कराना होगा।
आवश्यक सामान जैसे कि टीकों और निजी सुरक्षा उपकरण की आवाजाही के लिए मालवाहक विमानों को आने की अनुमति दी गई है। वायुकर्मियों को दिए एक नोटिस के अनुसार, 'परिहवन मंत्री का मानना है कि विमानन सुरक्षा और लोगों की रक्षा के लिए यह आवश्यक है।'
सरकार ने अपने नागरिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि कनाडाई लोगों की कड़ी मेहनत और बढ़ते वैक्सीनेशन से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। कनाड़ा में उन्हीं लोगों को एंट्री मिलेगी, जिन्होंने कम से कम 14 दिन पहले कोरोना वायरस वैक्सीन की सभी डोज लगवा ली है। सोमवार को जारी कनाडा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, कनाडा में रहने वाले 75 फीसदी लोगों को कोरोना वायरस के वैक्सीन की कम से कम एक डोज मिली है। आधे का पूरी तरह से वैक्सीनेशन हो चुका है।
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