मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014

देवेंद्र पर इतराया नागपुर

 विधायक दल की बैठक में मंगलवार 28 अक्टूबर 2014 को भारतीय जनता पार्टी ने नया इतिहास बनाया है। पहली बार कोई भाजपाई महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने जा रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्षी नेता एकनाथ खड्से ने फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखा और सुधीर मुनगंटीवार ने अनुमोदन किया। फडणवीस को 31 अक्टूबर को वानखेडे स्टेडियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी जायेगी।
 महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे  देवेंद्र फड़णवीस ने नागपुर के पार्षद से यहां तक का सफर तय किया है। उन्होंने राजनीति में शुरूआती 90 के दशक में कदम रखा। वे उसी समय पार्टी से जुड़े थे। साल 1992 में देवेंद्र नागपुर के सबसे कम उम्र में पार्षद बने थे। उन्हें 21 साल की उम्र में ये पद संभालने का मौका मिला और लगातार दो बार उन्होंने ये कुर्सी संभाली। यही नहीं, वो देश में सबसे कम उम्र में मेयर बनने वाले लोगों की सूची में दूसरे स्थान पर है। फडणवीस 1997 में 27 साल की उम्र में नागपुर के मेयर बन गये थे। साल 1999 से चार बार लगातार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य रहे हैं। साल 1992 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के नागपुर अध्यक्ष बने और फिर 1994 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के स्टेट वाइस प्रेसिडेंट का पद संभाला। वर्ष 2001 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट की जिम्मेदारी संभाली। वर्ष 2010 में महाराष्ट्र भाजपा के सेक्रेट्री बने। इस प्रकार 2013 में महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष बन गए।
फडणवीस ने वर्ष 1986 में लॉ कॉलेज नागपुर से अपनी वकालत पूरी की थी। वो एबीवीपी के सदस्य भी थे। वकालत पूरी करने के बाद बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के साथ डीएसई, बर्लिन से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स भी किया। फडणवीस का जन्म 1970 में नागपुर में हुआ था। उनके पिता जन संघ नागपुर से विधानपरिषद के सदस्य रहे हैं।
 देवेंद्र फडणवीस को राजनीति विरासत में मिली।  पिता गंगाधर राव फडणवीस नागपुर से एमएलसी थे। फडणवीस ने वार्ड स्तर से राजनीति शुरू की।  बीजेपी में वार्ड संयोजक से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक बनने का सफर तय किया। महज 27 साल की उम्र में नागपुर के मेयर बन चुके थे। फडणवीस की पहचान पढ़े लिखे नेता की है। बजट पर एक किताब भी वे लिख चुके हैं।
44 साल के देवेंद्र फडणवीस की छवि जमीन से जुड़े तेज तर्रार नेता की है।  उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। नागपुर की सभा में मोदी ने फडणवीस की खुल कर तारीफ की थी, मोदी ने फडणवीस को सक्रिय जनसेवक बताया था। वैसे फडणवीस की तारीफ उनके विरोधी भी करते हैं। चुनाव से ठीक एक दिन पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्मयंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने फडणवीस को मुख्यमंत्री पद का सबसे योग्य चेहरा बताया था।
 महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बात के पक्के माने जाते हैं। वह मात्र 44 साल की उम्र में राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। वह जब 22 साल के थे, तभी पार्षद चुने गए थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष फडणवीस को राज्य में जमीन से जुड़े नेता के तौर पर जाना जाता है।
शरद पवार के बाद फडणवीस महाराष्ट्र के दूसरे सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होंगे। पार्टी के अंदर फडणवीस को अपनी बात पर टिके रहने वाले नेता के तौर पर और आर्थिक एवं वाणिज्यिक मामलों के विशेषज्ञ के तौर पर जाना जाता है।
फडणवीस ने प्रखर वक्ता के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है। मराठा पहचान के इर्द-गिर्द सिमटी महाराष्ट्र की राजनीति में फडणवीस अपनी जातीय पहचान को दबाकर ही रखते हैं। फडणवीस का कहना है कि महाराष्ट्र इस तरह की चीजों से बाहर निकल चुका है। आज का युवा विकास और तरक्की चाहता है।
आरएसएस के गढ़ नागपुर में 1970 में जन्मे फडणवीस ने राजनीति में देर से प्रवेश किया, लेकिन पार्टी में उनकी तरक्की बेहद तेज रही। फडणवीस हालांकि कॉलेज में भाजपा की युवा इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे। उन्होंने अपने विधायक पिता गंगाधर आर फडणवीस और विदर्भ हाउसिंग क्रेडिट सोसायटी की निदेशक रहीं अपनी मां सरिता से राजनीति का ककहरा सीखा।
 वक्तृत्व कला के धनी फडणवीस को कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन द्वारा 2002-03 में सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया। भाजपा के एक नेता ने कहा है कि फडणवीस सभी का सम्मान करते हैं और उन्होंने किसी के साथ कोई गड़बड़ी नहीं की। वह अपने साथी पार्टी सदस्यों से सुझाव लेते हैं, लेकिन अपने विवेकानुसार ही काम करते हैं। वह बहुत ही धैर्यशील व्यक्ति हैं ।
फडणवीस को उनकी क्षमता देखते हुए 2013 के मध्य में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह सबसे कम उम्र में इस पद पर बैठे। फडणवीस के पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी ने मोदी लहर का पूरा लाभ उठाते हुए राज्य की 48 सीटों में से 23 पर जीत हासिल की। विधानसभा चुनाव के लिए मोदी की रैलियों के अतिरिक्त फडणवीस ने राज्य में 100 से अधिक चुनावी रैलियां कीं और पार्टी का बड़ा चेहरा बनकर उभरे।
सरकार, अब सरकार भी आपकी : अमरावती के चांदुर बाजार में नेताजी चौक स्थित मैदान पर तब चुनाव प्रचार के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने अपने 20 मिनट के भाषण में  कहा था कि देश के सीमापर देश की सुरक्षा के दौरान अब तक सीमा पर जितने जवान शहीद नहीं हुए, उससे ज्यादा विदर्भ के किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा है। जिस तरह फसल को घास बर्बाद करता है, वैसा ही महाराष्ट्र को राष्ट्रवादी-कांग्रेस ने 15 साल में बर्बाद किया है। आसमानी संकट के बजाय सुल्तानी संकट के कारण ही महाराष्ट्र के किसानों ने आत्महत्या की है। विदर्भ के किसानों के लिए घोषित किये गए पैकेज का लाभ विदर्भ के किसानों के बजाय सत्ता धारियों ने ही लिया। 3 माह में 30 हजार करोड़ की बढ़ोत्तरी सिंचन व्यवस्था में की, ऐसे घोटालेबाज राज्य सरकार से हिसाब मांगा जाएगा। फड़णवीसजी अब सरकार आपकी है और हिसाब-किताब भी आपको ही लगाना है।  
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