सोमवार, 19 जुलाई 2021

शोपियां में और 2 आतंकी ढेर, सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी


जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। यहां रात में चले मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर सहित 2 आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। DGP दिलबाग सिंह ने पु्ष्टि करते हुए बताया कि मारे गए दहशतगर्द पिछले कई सालों से आतंकी घटनाओं में शामिल थे। आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने रविवार को दक्षिण कश्मीर के चक सादिक खान इलाके में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था। 

सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर से आतंक का खात्मा करने अभियान चलाए हुए हैं। ‘सहस्रबाहु’ की तरह एक के मारने पर दूसरा अट्ट्हास करने लगता है। वह देशविरोधी कार्यों को अंजाम देने लगता है। सुरक्षा बल ऐसे ही चेहरे को बनकाब कर रहे हैं, इसलिए विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। आतंकवादियों के सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाने से यह अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया। इसके बाद ऑपरेशन में दोनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया। 

मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान लश्कर के टॉप कमांडर इशफाक डार उर्फ अबू अकरम के तौर पर हुई है। इशफाक का नाम 2017 से ही आतंकवाद संबंधी घटनाओं में सामने आ रहा था। वहीं दूसरे की शिनाख्त माजिद इकबाल के तौर पर हुई है। दो बच्चियों का पिता माजिद पिछले कुछ समय से फरार चल रहा था।

देखा जाए तो कश्मीर में आतंकवाद विभिन्न रूपों में मौजूद है। वर्ष 1989 के बाद से इस आतंक की वजह से हजारों लोग मारे गए। 1987 के एक विवादित चुनाव के साथ कश्मीर में बड़े पैमाने पर सशस्त्र उग्रवाद की शुरूआत हुई, जिसमें राज्य विधानसभा के कुछ तत्वों ने एक आतंकवादी खेमे का गठन किया, जिसने इस क्षेत्र में सशस्त्र विद्रोह में एक उत्प्रेरक के रूप में भूमिका निभाई और फिर देखते ही देखते आतंकवाद ने यहां पैर पसारने शुरू कर दिए। पाकिस्तान आतंकवाद को प्रश्रय देता है। अंतराष्ट्रीय मंचों पर कई बार मुंह की खाने के बाद भी वह बाज नहीं आ रहा है। सीमा पर उड़ते ‘नापाक’ ड्रोन इसके ताजे सबूत हैं।  


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