संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। पिछले सत्र से अब तक का लेखा-जोखा सदन में पेश किया जाएगा। कई मामलों पर विपक्ष के तेवर सख्त हैं, इसलिए घमासान तय है। दूसरी तरफ, मोदी सरकार भी पूरी तरह तैयार है। सदन की कार्यवाही 13 अगस्त तक चलेगी। दोनों सदनों की बैठक 11 बजे एक ही समय पर शुरू होगी। सरकार इस दौरान कई विधेयकों को पारित कराने के मूड में है, वहीं विपक्षी तरकश में कई धारदार तीर हैं। विपक्ष कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के तरीके, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
सरकार ने इस सत्र के दौरान 17 नए विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया है। इनमें से तीन विधेयक हाल में जारी अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाएंगे। इनमें से एक अध्यादेश 30 जून को जारी किया गया था, जिसके जरिए रक्षा सेवाओं में शामिल किसी के विरोध प्रदर्शन या हड़ताल में शामिल होने पर रोक लगाई गई है। आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 आयुध फैक्टरी बोर्ड के प्रमुख संघों द्वारा जुलाई के अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी देने की पृष्ठभूमि में लाया गया है। संबंधित संघ ओएफबी के निगमीकरण के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता, जो जवाब चाहती है सरकार सब जवाब देने को तैयार है। विपक्ष से आग्रह है कि सभी मुद्दों पर चर्चा के बाद सरकार का जवाब भी सुनने को तैयार रहें, ताकि जनता तक बातें पहुंच सके। महामारी के खिलाफ लड़ाई में कमियां रह गई हो तो दूर किया जा सकता है। अब तक 40 करोड़ से ज़्यादा लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ‘बाहुबली’ बन चुके हैं। वैक्सीन बाहु पर लगती है और जब वैक्सीन बाहु पर लग जाती है तो आप बाहुबली बन जाते हैं।
दूसरी तरफ, संसद में रणनीति बनाने के लिए विपक्षी दलों की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , आईयूएमएल, आरएसपी, शिवसेना और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने हिस्सा लिया।
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