गुरुवार, 13 जनवरी 2011
मन को झंझोड़ती तन की खुश्बू
हर किसी के तन में देह गंध बसी होती है। इसमें खास बात यह है कि यह गंध हर किसी में अलग-अलग होती है। देह गंध ने वैज्ञानिकों को इस हद तक आकर्षित किया है कि उस पर शोध किए गए हैं। इतना ही नहीं जीव विज्ञान में देह गंध पर फीरोमोन नाम से पूरा एक अध्याय बना दिया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि देह गंध पसीने से अलग है। पसीने से जहां दुर्गंध आएगी वहीं देह गंध जरा हट के होगी। जवानी की देह गंध काफी असरदार पाई गई है, जो हर किसी को गुमराह कर देती है। किसी युवती के साथ खड़े भर हो लेना बड़े खजाने के मिल जाने के बराबर होता है और अगर छू लेने का मौका मिल जाए तो कहना ही क्या। वैज्ञानिकों के अनुसार, 'जवानी में जीवधारियों के शरीर में ऐसे स्राव निकलते हैं जो बाद में बनते ही नहीं हैं। यह शरीर में समाई अतिरिक्त ऊर्जा, उत्साह और कई नई शारीरिक क्रियाओं की देन होती है। मानव के अलावा अन्य जीवों में तो यह गंध विपरीत लिंग को आकर्षित करने के लिए खासतौर से निकलती है।Ó विवाह के बाद पति-पत्नी के बीच आकर्षण की कड़ी में देह गंध खास भूमिका निभाती है। महिला और पुरुष दोनों ही शारीरिकि मिलन में देह गंध चरम सीमा प्रदान करती है। शरीर से निकलती यह गंध एक-दूसरे को उत्तेजित करती है। आजकल बाडी स्प्रे यानी परफ्यूम ने यह जगह ले ली है। वैज्ञानिकों की नजर में इन सबके बावजूद भी देह गंध अपना अलग ही प्रभाव छोड़ती है। अन्य जीवों में भी देह गंध अपना असर दिखाती है। बकरी, भेड़, बिल्ली आदि जीव तक देह गंध से अपने बच्चे को पहचानते हैं। बिल्ली के नवजात शिशु को यदि साबुन से नहला दिया जाए तो बिल्ली उसे बराबर सूंघती है, जब तक कि उसे उस की देह गंध न मिल जाए। कई बार गंध न मिल पाने पर वह उसे मार डालती है। नन्हे कीटों में देह गंध का अनोखा संसार है। नर तथा मादा दोनों ही कीट फीरोमोन यानी देह गंध को अपने शरीर से बाहर निकालते हैं। यदि मादा फीरोमोन को निकालती है तो उसी जात का नर उससे प्रभावित होता है। इसी तरह यदि नर फीरोमोन निकालता है तो मादा लपकती है। इसका लाभ मनुष्य ने उठाया है। कीट नियंत्रण के लिए फीरोमोन टैप तैयार किए गए हैं, जिसमें एक जालीदार पिंजड़े में मादा की देह गंध छोड़ दी जाती है, इस से नर कीट आकर्षित होता है और फंस जाता है। कुदरत की देन गंध विपरीत लिंग में एक-दूसरे के प्रति आकर्षण के लिए है। इसमें दो-राय नहीं कि भविष्य में यह देह गंध किसी बड़े महत्वपूर्ण शोध का रास्ता खोलेगी जो एक-दूसरे को बांधने में सहायक होगी। तब शायद गंध मिलान की नई शाखा पनपे और शादी के लिए जन्मकुंडली के स्थान पर यह देह गंध मिलान आवश्यक हो जाए।
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