सोमवार, 20 दिसंबर 2010

विकिलीक्स का राहुल बम धमाका

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के कथित बयान पर बखेड़ा खड़ा होता नजर आ रहा है। विकिलीक्स के मुताबिक अमेरिका के राजदूत टिमोथी रोमर से राहुल गांधी ने कहा था कि हिंदू कट्टरवाद देश के लिए लश्कर-ए-तैयबा से ज्यादा बड़ा खतरा हो सकता है। विकिलीक्स के मुताबिक ये बातें राहुल ने टिमोथी रोमर से 2009 में कहीं थी। 2009 में अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के भारत दौरे के वक्त प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लंच का आयोजन किया किया था। इस लंच में राहुल गांधी और अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर भी मौजूद थे। विकिलीक्स ने टिमोथी के हवाले से दावा किया है कि इसी लंच में राहुल ने हिंदु कट्टरपंथ को भारत के लिए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से बड़ा खतरा बनने की आशंका जाहिर की थी। राहुल गांधी की यह पोल पट्टी संयोग से उस समय सामने आई हैं जब राहुल के मार्ग दर्शक होने का दावा करने और श्रेय लेने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह 26/11 के हमले में शहीद हेमंत करकरे के एक फोन कॉल का दावा कर के मुसीबत में फंस गए हैं। पहले दिग्विजय सिंह ने कहा था कि फोन रिकॉर्ड से जाहिर हो जाएगा कि करकरे ने उनसे बात की थी मगर जब महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर .आर .पाटिल ने दिग्विजय को झूठा साबित करते हुए कह दिया कि करकरे के फोन का कोई ऐसा रिकॉर्ड नहीं हैं, जिससे पता चले कि उन्होंने दिग्विजय को फोन किया ही था तो दिग्विजय सिंह भी कह रहे हैंं कि उन्हें नहीं पता था कि बीएसएनएल वाले महत्वपूर्ण फोन कॉल्स का भी रिकॉर्ड नहीं रखते। अब बीएसएनएल की मशीनें सपना नहीं देखती कि उन्हें आभास हो जाए कि मुंबई से एक पुलिस अधिकारी जो फोन कर रहा है वह मारा जाने वाला है और वह देश के एक सबसे बड़े नेता को फोन कर रहा है। अभी राहुल गांधी ने विकिलीक्स के खुलासे का कोई साफ जवाब नहीं दिया है, मगर किसी को आश्चर्य नहीं होगा यदि उन्हें यह पट्टी भी दिग्विजय सिंह ने ही पढ़ाई हो। खुद राहुल गांधी का सामान्य ज्ञान काफी जर्जर है। उधर विकिलीक्स के मुताबिक रोमर ने जब राहुल से पूछा कि लश्कर-ए-तैयबा से भारत को कितना बड़ा खतरा है तो राहुल ने कहा कि देश के कुछ मुसलमानों में उन्हें समर्थन प्राप्त है। लेकिन राहुल ने आगाह किया कि बड़ा खतरा बढ़ते हिंदू कट्टरवाद से है। विकिलीक्स ने अब तक अमेरिकी सरकार के कई निजी बातचीत को सार्वजनिक कर चुका है जिससे अमेरिकी सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी। इससे पहले भी राहुल गांधी ने भोपाल में एक सभा के दौरान आरएसएस की तुलना प्रतिबंधित संगठन सिमी से की थी। राहुल के इस बयान का आरएसएस ने कड़ी आलोचना की थी। राजनीतिकों गलियारों में भी इस बयान को लेकर जमकर बहस हुई थी। यही नहीं, अब विकिलीक्स के इस नए खुलासे से आने वालों दिनों में भी जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलने की आशंका है। अब चूंकि मामले में राहुल गांधी का नाम आ गया है इसलिए दिग्विजय सिंह थोड़ी राहत की सांस ले सकते हैं। मामला चूंकि देश के युवराज का है इसलिए दरबारियों पर से ध्यान हटेगा। जूलियन असांज के जेल से रिहा होने के बाद हालांकि अमेरिकी राजनयिक हवालों से ही खबर आई है लेेकिन पहला निशाना राहुल गांधी बने हैं इससे जाहिर है कि भारत भी विकिलीक्स के निशाने पर पूरे तौर पर हैं और इंटरनेट के जमाने में साउथ और नॉर्थ ब्लॉक की फाइलें बहुत आसानी से विकिलीक्स कीे टीम तक पहुंच सकती हैं और जमानत पर तो सिर्फ जूलियन असांज हैं और दुनिया भर में उनका समर्थन और सहयोग करने वाले हजारों लोग नहीं। हिंदू आतंकवाद का यह सवाल कांग्रेस को अब बहुत महंगा पडऩे वाला है। जब तक दिग्विजय सिंह बोल रहे थे तब तक यह माना जा रहा था कि कांग्रेस एक खिसका हुआ महासचिव बोल रहा है जो अपनी गंभीरता और सुंदरता का भी ख्याल नहीं रखता। चाहे जब आजमगढ़ पहुंच जाता हैं, चाहे जब बाटला हाउस के बारे में बयान दे देता है और चाहे जब उनका खंडन कर देता है। दिग्विजय सिंह ने तो पता नहीं अपने राजनैतिक गुरु अर्जुन सिंह ने भी कुछ नहीं सीखा। अब तो अर्जुन सिंह ने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है और दिग्विजय सिंह भी आधे रिटायर जैसे ही हैं इसलिए अब भी गुरु दीक्षा लेने में कुछ जाता नहीं है।

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