सोमवार, 31 मई 2010
निजी सूचना तंत्र में सेंधमारी
रिपोर्ट आई है कि इंटरनेट से मुफ्त का माल डाउनलोड करने में भारतीय सबसे आगे हैं। कई तरह के सॉफ्टवेयर, वीडियो, संगीत, कंप्यूटर गेम्स, डेस्कटॉप, वॉलपेपर, फोटोग्राफ और ऐसी ही न जाने कितनी आकर्षक चीजें इंटरनेट पर मौजूद हैं, कि बड़े से बड़े संयमी व्यक्ति का मन भी बरबस ही उन्हें डाउनलोड करने का हो जाता है। भले ही डाउनलोड की गई सामग्री को दोबारा कभी देखा जाए या नहीं, सहेज जरूर लिया जाता है। कई लोगों के लिए यह एक लत का रूप ले चुका है जो डाउनलोड करने के नए-नए तरीके सीखने को हमेशा तत्पर रहते हैं। कहीं आप भी तो उन लोगों में से नहीं हैं जो इंटरनेट से अंधाधुंध सामग्री डाउनलोड करते रहते हैं, बिना यह जाने कि उनमें से कुछ सॉफ्टवेयर आपके कंप्यूटर में आने के बाद शायद आपका निजी डेटा इंटरनेट से कनेक्टेड किसी दूरस्थ कंप्यूटर में डाउनलोड कर रहे हों! बहरहाल, डाउनलोड की लत खतरों और चुनौतियों से मुक्त नहीं है। मुफ्त में डाउनलोड करने के लिए जिस श्रेणी के सॉफ्टवेयरों को सबसे ज्यादा खोजा जाता है, उनमें 'एंटी वायरस' सॉफ्टवेयर प्रमुख हैं। क्या आप जानते हैं कि डाउनलोड किए गए तथाकथित 'एंटी वायरसÓ सॉफ्टवेयरों में से ज्यादातर खुद स्पाईवेयर और वायरस होते हैं? इंटरनेट से डाउनलोड किए जाने वाले कुल हानिकारक सॉफ्टवेयरों में से 15 प्रतिशत फर्जी एंटीवायरस और एंटी-स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर होते हैं यानी जिसे रक्षक समझा, वही भक्षक निकला! वायरस, स्पाईवेयर और एडवेयर सॉफ्टवेयरों के निर्माता उपभोक्ताओं के मुफ्त डाउनलोड के लालच का फायदा उठाने से नहीं चूकते। इंटरनेट से किसी सॉफ्टवेयर (या वायरस) के स्वत: आपके कंप्यूटर में इस्तेमाल होने के आसार बहुत कम होते हैं क्योंकि इंटरनेट ब्राउजर किसी डाउनलोड या इन्स्टॉलेशन से पहले आपकी अनुमति मांगता है। विंडोज भी इन्स्टॉलेशन के समय ऐसा ही करता है, लेकिन यदि आप एक बार कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर बाकायदा इन्स्टाल कर लें तो आप आगे के लिए उसकी हर गतिविधि को अपनी परोक्ष स्वीकृति दे देते हैं। वीडियो, ऑडियो और ईबुक्स के अंधाधुंध डाउनलोड से पहले यह भी देखना जरूरी है कि आप किसी कंपनी के कॉपीराइट का उल्लंघन न कर रहे हों। फिल्मों, गानों आदि की पाइरेसी में इंटरनेट की बहुत बड़ी भूमिका है और ऐसी सामग्री को डाउनलोड करना अवैध है। वह आपको किसी बड़े कानूनी झंझट में भी फंसा सकती है। मतलब यह कि इंटरनेट बेशक सूचना और मनोरंजन का महासमुद्र है और आज युवा इसमें जमकर गोते लगाते हैं, लेकिन इसके कई खतरे हैं। अपनी मनपसंद के गीत और अन्य सामग्री के फ्री डाउनलोड के साथ कई बार ऐसे खतरे भी साथ उतर आते हैं कि वह कंप्यूटर को तो तबाह करते ही हैं, आपके निजी सूचना तंत्र में भी सेंध लगा देते हैं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें