बुधवार, 5 मई 2010

लंबी नहीं खिंचेगी कसाब की कहानी

मुंबई के 26/11 के आतंकी हमलों को अंजाम देने के सभी आरोपों में दोषी ठहराए गए आतंकवादी कसाब को फांसी देने की मांग की गई है। यह तो तय है कि अफजल गुरू जैसे अन्य आतंकियों की तरह कसाब ज्यादा दिन तक बच भी नहीं पाएगा। क्योंकि इस बार सरकार जनता के गुस्से की अनदेखी नहीं कर सकती। उसके गले में फांसी का फंदा कसने में सरकारी तंत्र हीला-हवाली करेगा इसमें भी कोई शक नहीं है। लेकिन इसके बावजूद कसाब की कहानी लंबी नहीं खिंचेगी। सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कसाब किलिंग मशीन है, मौत का सौदागर है। उसे जहरीला सांप कहा जाए, जंगली जानवर कहा जाए तो भी उसका असली चेहरा सामने नहीं आता। उनके शब्दकोश में ऐसा कोई शब्द नहीं है जिससे कसाब की तुलना की जा सके। बेशक, कसाब के अपराधों के अनुसार उसे उम्रकैद से फांसी तक की सजा मिल सकती है। अदालत ने सोमवार को उसे कई अपराधों का दोषी ठहराया था, जिनमें सामूहिक हत्याएं और देश के खिलाफ जंग छेडऩे का आरोप भी शामिल है। अहम बात जो ध्यान देने वाली है कि पाक प्रशिक्षित आतंकियों की घुसपैठ और मुठभेड़ों में मौत के बावजूद आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान जैसा मुल्क कभी उस तरह परेशान नहीं हुआ, जैसा कसाब के कुबूलनामे से। वैसे कसाब ने भी किसी शातिर अपराधी की तरह कई बार अपने बयान बदले, पाकिस्तान सरकार ने उसकी मानसिकता पर सवाल उठाने से लेकर उसके मां-बाप को पर्दे के पीछे डालने जैसे अनेक प्रयास किए। पर यह सचाई छिपी नहीं रह सकी कि कसाब कौन है और उसके पीछे कौन लोग हैं। यह कसाब का जीवित पकड़ा जाना और अपराध कुबूलना ही था, जिसने पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा कर दिया और सारी दुनिया के आगे उसे यह कुबूल करने पर मजबूर किया कि उसके पूर्ववर्ती शासकों की 'गलतÓ नीतियों ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया था। देश में कुछ लोग कसाब की सुरक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने को सरकारी धन की बर्बादी बताते हुए उसे जल्द से जल्द फांसी पर लटका देने को उतावले हो रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि कसाब के जिंदा रहने से भारत को जितना कूटनीतिक फायदा और पाकिस्तान को जितना नुकसान हुआ है, उसके लिए उसे हीरों से तौलना भी सस्ता पड़ेगा। कसाब का मुकदमा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ भारतीय लोकतंत्र की लड़ाई का एक अहम हिस्सा है और हमें उसको इतनी ही गंभीरता से लेना होगा। अजमल आमिर कसाब को विशेष अदालत द्वारा अपराधी घोषित करने का अर्थ हमारे मुल्क के कानून और हम-आप के लिए जितना भी बड़ा हो, पर दुनिया के लिए इसका मतलब उससे भी बड़ा है। एक विदेशी को सीधे-सीधे आतंकी हमले की जगह से गिरफ्तार करना, कानून की दृष्टि से जरूरी सारी औपचारिकताएं पूरी करना, उसे उसकी सफाई का अवसर देना और उसकी स्वीकारोक्ति तथा तथ्यों के आधार पर उसको दोषी ठहराकर हमारी न्याय व्यवस्था ने पूरी दुनिया में अपना झंडा बुलंद किया है।

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