बुधवार, 5 मई 2010
कुली का दर्द और मर्द का इंकलाब
अमिताभ बच्चन इस उम्र में भी इतनी ज्यादा फिल्में कर रहे हैं कि लोगों को उनके महानायक बने रहने पर आश्चर्य है। लेकिन कम लोग जानते है कि अमिताभ बच्चन को इस शिखर पर बने रहने के लिए एक लंबी लड़ाई लडऩी पड़ रही है और दरअसल यह लड़ाई उन्हें अपने शरीर के साथ लडऩी पड़ रही है जो बीमारियों का घर बन चुका है। इनमें से एक बीमारी तो ऐसी है जो अमिताभ बच्चन को होनी नहीं चाहिए थी। यह बीमारी आम तौर पर शराब पीने वालों को और वह भी बेतहाशा शराब पीने वालों को होती हैं। लीवर सिरोसिस नाम की इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। अमिताभ बच्चन को यह बीमारी तब हुई थी जब पूरी फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके पेट में चोट लग गई थी और उन्हें जो 60 बोतल खून चढ़ाया गया था उनमें से शायद किसी खून में लीवर सिरोसिस के वायरस थे। जी हां, ये बयान है एक अमेरिकी डॉक्टर का। बिग बी की मेडिकल रिपोर्ट देखते ही उसके होश उड़ गए। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ये शख्स जिंदा भी हो सकता है। क्या आपको कुली फिल्म का वो शॉट याद है जिसमें बिग बी मेज से टकराते हैं। फिल्म में विलेन पुनीत इस्सर के साथ बिग बी दो दो हाथ कर रहे थे। एक्शन डायरेक्टर ने पूरा फाइट सीक्वेंस पहले से तैयार कर रखा था। बस उससे एक गलती हो गई। गलती ये कि लड़ाई की जगह पर उसने एक मेज रख दी, वो मेज जिसके कोने पर एल्युनियम चढ़ा हुआ था और इस वजह से वो नुकीला हो गया था। जैसे ही पुनीत इस्सर ने पहला घूंसा मारा, अमिताभ लडख़ड़ाए। इसके बाद पुनीत इस्सर के धक्के से अमिताभ मेज पर जा गिरे। बस यहीं वक्त थम गया। फिल्म यूनिट खुशी से चिल्ला पड़ी, ग्रेट शॉट अमित जी। लेकिन ये क्या, अमित जी तो मेज से उठ ही नहीं पाए, उनके चेहरा पर दर्द की लहरें आने लगीं, यहीं से शुरू हुआ अमित जी की जिंदगी का अग्निपथ। सालों पहले का ये वाकया भुलाए नहीं भूलता। एल्युमिनियम की तेज धार अमिताभ के पेट में गहरे चुभ गई थी, उनकी आंत फट गई, काफी खून बह गया था। महानायक मौत के करीब पहुंच गए। मुंबई के ब्रीच कैंडी में उनका ऑपरेशन किया बोतल खून चढ़ाया गया। अस्तपताल में इलाज चलता रहा और बाहर पूरे देश में दुआओं का दौर। लोगों ने व्रत रखे, मन्नत मांगी और अमिताभ ने मौत को मात दे दी, ठीक होकर घर लौटे, लेकिन आंत में लगा वो गहरा घाव आगे भी उन्हें परेशान करने वाला था। फिल्म कूली की शूटिंग के दौरान हुई यह घटना सभी को मालूम हैं लेकिन मैं आपको इस बारे में कुछ व्यक्तिगत बातें बताना चाहता हूं। पंच लगने से या टेबल घंटे बाद भी डॉक्टर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे थे। सबसे जानलेवा वो गंदगी थी जो पेट में जमा होकर दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचा रही थी। हालात बद से बदतर हो रहे थे। ऐसे में जल्द से जल्द सर्जरी की जरूरत थी। जो बिना मुंबई शिफ्ट हुए संभव नहीं था। अमिताभ उस समय बैंगलोर में थे। आनन फानन में उन्हें चार्टड प्लेन से मुंबई लाया गया। मुंबई में पेट में जमा गंदगी को निकालने के लिए पेट में कई छेद किए गए। फिर गंदगी को बाहर निकालने के लिए रबर की कई नलियां लगाई गई। बाद में उस नली को निकाल दिया गया। घाव भर गए लेकिन निशान अभी भी बचे हुए हैं। बिग बी का ऑपरेशन सफल रहा। वो स्वस्थ भी हो गए। लेकिन इस ऑपरेशन की वजह से उनका पूरा शरीर बीमारियों का घर बन गया। अपने ब्लॉग पर अमिताभ लिखते हैं पेट की सर्जरी के बाद हर्निया बढऩे की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। जब मैं लंबे समय तक खड़ा रहता हूं, ज्यादा चलता फिरता हूं, डांस या एक्शन सीन की शूटिंग कर राह होता हूं तो मेरे पेट के नीचले हिस्से में असहनीय दर्द होता है। जिसे बेल्ट लगाकर दबाना पड़ता है। बच्चन यानि कि एक मुकम्मल जिंदगी। एक उफान जो लोगों के आंखों के रास्ते दिल में समा गया। लेकिन बिग बी ने हर हालात में। हर दर्द में किरदार को जीने का जज्बा कम नहीं होने दिया। क्या आपको अमिताभ बच्चन का शराबी में एक हाथ जेब में डाले हुए या इंकलाब में एक हाथ रुमाल से ढंके होने वाला स्टाइल याद है। आप जानते हैं कि ऐसा बिग बी ने क्यों किया। क्योंकि बिग बी तकलीफ में थे बिग बी दर्द में थे। एक ऐसे दर्द में थे जिसकी कल्पना करना से भी रुह कांप उठती है। अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर ये खुलासा किया है कि किस तरह अपनी चोट छिपाने के लिए उन्होंने इस स्टाइल को अपनाया। दरअसल ये तो अमिताभ का अपनी चोट छिपाने का एक जरिया था, जिसे उनके प्रशंसकों ने उनका स्टाइल बना दिया था। उसके बाद इस सपनों के सौदागर ने इस दौरान जितना भी काम किया, वो हाथ में रुमाल बांध कर किया, जो एक स्टाइल बन गया। शहंशाह आगे लिखते हैं कि हाथ ठीक होने में बहुत लंबा समय लग रहा था। मेरी त्वचा कच्ची थी और उसमें लगातार दर्द था। मेरी अंगुलियां और हथेली ठीक हो रही थी, लेकिन अब भी उन्हें हिलाना मुश्किल था। उसके बाद मेरी एक और फिल्म थी, शराबी। मैं इसके लिए बहुत परेशान था, इसलिए मैंने एक और स्टाइल अपनाया। अपने इस हाथ को मैंने जेब में डाल लिया और पूरी फिल्म ऐसे ही पूरी की। आप ध्यान से देखोगे तो आपको पता चलेगा कि मेरा बायां हाथ पूरी फिल्म में जेब में ही है। बॉलीवुड के इस जादूगर ने मर्द की तरह इस फिल्म की शूटिंग को पूरा किया। एक गाने के दौरान अमिताभ को ये सीन फिल्माना था जब वो घुंघरू बजाने लगते हैं और जयाप्रदा को डाँस करना होता है। क्या आप जानते हैं कि उसी जख्मी हाथों से बिग बी ने वो घुंघरु बजाए और उस दौरान निकला खून भी बिलकुल असली था। आप ये जानकार हैरान रह जाएंगे की बिग के इस हाथ को ठीक होने में महीनों लगे। बीमारियां अपनी जगह हैं, अमिताभ बच्चन का हौसला अपनी जगह। ये वो ध्रुव तारा है जो सत्तर के दशक से देश के सिनेमा पर चमक रहा है। पहले एंग्री यंग मैन था, अब वाइज ओल्ड मैन। उम्र के मुताबिक अमिताभ बच्चन ने अपने किरदार बदले, अपना अंदाज बदला। इसीलिए उन्हें सदी का महानायक कहा जाता है। वो सितारा जो उम्र से परे है। बिग बी की निजी जिंदगी से रोमांच उनकी फिल्मों की ही तरह कभी खत्म नहीं होता। हम तो बस यही कहेंगे कि सलामत रहो शहंशाह।
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