बुधवार, 5 मई 2010

ढाई आखर न पढ़े सो अनपढ़

आजसारे पंडित, प्रकांड पंडित प्रेम की भाषा पढऩे के बजाए 143 के जरिये देह का भूगोल पढ़ रहे हैं। इनका प्रेम शरीरी है जो इस देह से शुरू होकर इसी देह पर खत्म हो जाता है। आज के दौर में प्रेम विवाह भी बहुतायत में होने लगें हैं, लेकिन मजे की बात यह है कि प्रेम विवाह के बाद भी इन्सान प्रेम की तलाश में जुटा हुआ है। कबीरदास जी ने कहा था- ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय , लेकिन आज अपने आसपास नजर डालें तो पायेंगे की इन ढाई अक्षरों को कोई नहीं पढ़ रहा। वे ढाई अक्षर अब बड़े रेलवे स्टेशनों के बाहर खडे स्टीम इंजनों की तरह हो गए हैं। जिन्हे ंअब उपयोग में नहीं लिया जाता, वे सिर्फ दर्शनीय हो गयें हैं। अंदर की पटरियों पर तो 143 की मेट्रो ट्रेनें धकाधक दौड़ रही हैं। 143 मतलब आई लव यू । इस भागदौड़ के समय में इतना धैर्र्य किसके पास है जो आई लव यू जैसा लंबा जुमला उछाले, इसलिए इसे अंकगणित में बदल दिया गया और यह हो गया 143 । इधर से 143 तो उधर से 143 बस हो गया प्रेम। इसलिए शरीर के तल पर किये गये सारे प्रेम असफल हो जाते हों, तो आश्चर्य नहीं। जिसके साथ एक होना चाहा था, वह पास तो आ गया, लेकिन एक नहीं हो पाये। प्रेम शरीर के तल पर नहीं खोजा जा सकता, इसका स्मरण नहीं आता। प्रेमी एक-दूसरे के मालिक हो जाना चाहते हैं। मु_ी पूरी कस लेना चाहते हैं। दीवाल पूरी बना लेना चाहते हैं कि कहीं दूर न हो जाये, दूसरे मार्ग पर न चला जाये, किसी और के प्रेम में संलग्न न हो जाये। उन्हें पता नहीं कि प्रेम कभी मालिक नहीं होता। जितनी मिल्कियत की कोशिश होती हैं, उतना फासला बड़ा होता चला जाता है, उतनी दूरी बढ़ती चली जाती है, क्योंकि प्रेम हिंसा नहीं है, मालकियत हिंसा है, मालकियत शत्रुता है। प्रेम भयभीत होता है कि कहीं मेरा फासला बड़ा न हो जाये, इसलिए निकट, और निकट, और सब तरह से सुरक्षित कर लूं ताकि प्रेम का फासला नष्ट हो जाये, दूरी नष्ट हो जाये। जितनी यह चेष्टा चलती है दूरी नष्ट करने की, दूरी उतनी बड़ी होती चली जाती है। विफलता हाथ लगती है, दुख हाथ लगता है, चिंता हाथ लगती है। आजकल की पीढ़ी प्रेम जैसी धीर-गंभीर पोथी को शार्टकट में पढना चाहते हैं। नए गीतकारों ने यू तो हमारी युवा पीढ़ी को हजारों संदेश दिए हैं। इनमें कम्बख्त इश्क या इश्क कमीना जैसे नकारात्मक संदेश भी आए, जो प्रेमियों को प्रभावित नहीं कर सके। एक जमाना वो था जब आदमी एक ही औरत से 50-60 सालों तक प्रेम किया करता था, अब हालात बदल गए हैं।

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