गुरुवार, 13 जनवरी 2011
बयानों से देश बचाते नेता
नक्सलवाद, अलगाववाद, माओवाद और न जाने कौन कौन से वाद। इन सब समस्याओं से जूझते देश को बचाने के लिए चर्चा का समय नहीं है लेकिन दिल्ली के पाश इलाकों में चौड़ी चौड़ी सड़कों के किनारे बने सुविधा संपन्न सरकारी कोठियों में रहने वाले ये नेता अपने परिजनों को मुफत विमान यात्रा कराने पर मेहनत करते रहे हैं। भारत संघ के सामने इतनी बड़ी बड़ी समस्यायें मुंह खोले बैठी है और यहां के नेता एक दूसरे पर आक्षेप करने से नहीं चूकते। सत्ता में आने के लिए ये किसी भी हद तक चले जाने से नहीं चूकत। वोट बैंक की राजनीति के लिए हर मुददे को भुलाया जा रहा है। बाबा रामदेव ने एक बार कहा था कि कैसे चलेगा यह देश? कैसे नेता हैं यहां के जो कभी रिटायर ही नहीं होते। नौकरी करने वाले लोग एक समय में रिटायर हो जाते हैं लेकिन हमारे मुल्क के माननीय चल नहीं पाने की स्थिति में भी रिटायर नहीं होना चाहते हैं। जनसेवा का ऐसा जज्बा किसी भी मुल्क के नेताओं में नहीं जो व्हील चेयर पर बैठ कर और वैशाखी के सहारे चलते हुए भी लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहने का दावा करते हैं। अनाज का भंडार भरा हुआ है। देश में करोड़ों लोग रात को भूखे पेट सो रहे हैं लेकिन सरकार और सरकार के ओहदेदार तथा रहनुमा कभी जागने को तैयार ही नहीं हैं। उच्चतम न्यायालय ने जगाने की चेष्टा की तो सरकार के मुखिया ने कह दिया कि हमें मत जगाओ हम पहले से जागे हुए हैं। कैसी विडंबना है कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बावजूद सरकार भूखों में अन्न बांटने के लिए तैयार नहीं है। बयानबाजी में माहिर पूर्व गृह मंत्री की तरह बयानबाजी करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने भी कह दिया था कि इतने बड़े देश में लोगों को मुफ्त में अनाज बांटना संभव नहीं है। रहनुमाओं को यह जवाब देना चाहिए कि सड़क पर और फलाइओवरों के नीचे जन्म लेने वाले बच्चों के लिए उनके पास कौन सी नीति है। उन बच्चों की माताओं के लिए वह क्या करते हैं। वातानुकूलित कमरों में बैठ कर मोटा वेतन लेने के लिए जिद करने वाले इन नेताओं के पास चैराहों पर रात गुजारने वाले बच्चों, महिलाओं और अन्य लोगों के लिए क्या व्यवस्था है। देश की समस्याओं से निजात पाने के लिए भी इन रहनुमाओं को एक न एक बार अपने स्वार्थ से उपर उठ कर एक मंच पर आना होगा और उन्हें चीन, पाकिस्तान और आंतरिक आतंकवाद, अलगाववाद, नक्सलवाद, माओवाद की समस्या पर गंभीरता पूर्वक विचार करने के लिए सही दिशा मे प्रयत्न करना होगा तभी देश बचेगा।
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