गुरुवार, 13 जनवरी 2011

रहस्य खोलना भी एक धंधा

कुछ रहस्य खुलने के लिए बनाए जाते हैं। कुछ खुलने के बाद और ज्यादा रहस्यमय वातावरण बनाकर चले जाते हैं। रहस्यों का होना इतना रहस्यमय है, कि जो चाहे वह रहस्यमय ढंग से साधारण चीज को भी रहस्य में बदल सकता है। महान चीजों को सरल ढंग से प्रस्तुत करने के पीछे रहस्य यह होता है कि सरलता अपने आप में एक मूल्य होती है। जैसे आपको पता चल जाए कि वक्त जरूरत टाटा टैक्सी में सफर करते हैं, अंबानी लोकल में जाते हैं, राहुल पैदल निकल पड़ते हैं या अमिताभ बच्चन चौपाटी पर बैठे गोलगप्पे खाते हैं, तो ये अद्भुत रहस्य की तरह लिए जाएंगे, क्योंकि यह सरलता उन्हें महान बना देती है। लेकिन, इसके उलट कुछ टुच्चे रहस्य भी होते हैं। जैसे हाल में रहस्य खुलने का एक लंबा सिलसिला चला। इनमें महान लोगों को टुच्चे कामों में लिप्त दिखाया गया था। कुछ इमारतें, जमीन, फ्लैट, खेल, स्पैक्ट्रम आदि के मामले में साधारण कागजी रहस्यों के शिकार हो गए। देश नहीं हिला, पार्लियामेंट में हंगामा अलबत्ता होता रहा। इस हंगामे का भी कोई मतलब नहीं था, क्योंकि सरकार को जो बिल निकलवाने थे, वह वैसे भी निकाल ले गई। क्रमश: हटाने, निकालने, इस्तीफा दिलवाने की अद्भुत परंपरा के बीच घोषणा हुई कि सबकी निगरानी करने के लिए बने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त भी दागी हैं। सतर्कता आयुक्त महोदय के पास हर आरोप का एक ही रहस्यमय जवाब था, सरकार ने मुझे नियुक्त किया है और मैं काम करता रहूंगा। यानी, सरकार को पता होता है कि कौन क्या है, फिर भी वह इसे रहस्य खुलने की अखंड परंपरा के तहत तब तक चलाती रहती है, जब तक कि कोई अंतत: यह रहस्य खोल ही न दे। क्योंकि, उसे अगर खुले रहस्यों के भरोसे सरकार चलानी पड़े, तो वह एक दिन भी नहीं चल सकता। इसलिए, रहस्य खोलना भी एक धंधा है। इसकी अपनी टाइमिंग होती है। जब सरकार को खुलवाना हो, वह खुल जाता है। बदकिस्मती से जब उसके चाहे बिना खुल जाता है, तो जवाबी रहस्यों का इंतजाम करना पड़ता है। जिसे सब जानते हैं, वह सुबूतों के ठप्पे से महान सच की तरह प्रकट होता है। पर अब जब खुला है, तो रहस्य ही जानिए! विकिलीक्स का पत्रकारिता या सामाजिक कल्याण से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन हम गदगद हैं कि उसने रहस्य खोला कि अमेरिका सोचता है। हम काबुल में एक आतंकी को छोड़कर आते हैं, वह लाहौर में भाषण देता है, पर पाकिस्तान से आतंक का रिश्ता क्या है यह रहस्य खोलने के लिए विकिलीक्स चाहिए।

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