गुरुवार, 6 मार्च 2025

भाषा विवाद में कूदे बाबा बागेश्वर धाम सरकार

 


छत्तरपुर. 

केंद्र और तमिलनाडु के बीच जारी भाषा विवाद में बाबा बागेश्वर धाम सरकार भी अब कूद पड़े हैं। आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि इस देश की मूल भाषा हिंदी है, लेकिन किसी भी भाषा के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।  भाजपा नेता ने सवाल किया कि बच्चों को दूसरी भाषा सीखने के अवसर से क्यों वंचित रखा जा रहा है, जिससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

त्रिभाषा नीति विवाद में त्रिकोणी तनाव

गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने 2020 की नई शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने का कड़ा विरोध किया है, "त्रि-भाषा फार्मूले" पर चिंता जताई है और आरोप लगाया है कि केंद्र हिंदी को 'थोपना' चाहता है। आज गुरुवार की सुबह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने तीन भाषा नीति को अस्वीकार करने की अपनी बात जोर-शोर से दोहराई। दूसरी ओर, तमिलनाडु भाजपा ने अपना हस्ताक्षर अभियान शुरू किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की त्रिभाषा नीति के समर्थन में अभियान चलाया गया। अभियान में राज्य अध्यक्ष के अन्नामलाई, पार्टी नेता तमिलिसाई सुंदरराजन और अन्य नेताओं ने भाग लिया।


 


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