सोमवार, 2 अगस्त 2021

शहर में घूम रहे ‘भेड़िये’, देहरी के अंदर भी हैं देह झांकने वाले

  


बलात्कार किसी महिला या युवती की जिंदगी का सबसे दु:खद पहलू है। पीड़िता को शारीरिक और मानसिक कष्ट ही नहीं, सामाजिक लांछन भी सहना पड़ता है। यह भयानक प्रताड़ना है, इसलिए मजबूरी में अक्सर ये चुपचाप सह लिया जाता है। पहले महिलाएं परदे में और चारदिवारी में कैद थीं, इसलिए बलात्कार की घटनाएं सिसकियों के साथ वहीं दफन हो जाती थीं, पर अब मौन टूट रहा है, इसलिए मामले सामने भी आ रहे हैं। 

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शुक्रवार की रात शहर शर्मसार हुआ। स्मार्टसिटी नागपुर का दिल कहे जाने वाले सीताबर्डी और शहर के उपनगरीय इलाके दृग्धामना में हैवानियत हद पर उतर आई थी। शहर में लोहापुल आटो स्टैंड से 17 वर्षीया नाबालिग को अगवा कर 6 आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद शनिवार की दोपहर पीड़िता को रेलवे स्टेशन के पास छोड़कर फरार हो गए। इस वारदात में 4 आटो चालक व 2 कुलियों के शामिल होने की जानकारी मिली है। जीआरपी थाने में आरोपियों ने साथियों के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने की बात कबूली है। इस घटना में और कई आरोपियों के शामिल होने की आशंका है। लोहमार्ग पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें सीताबर्डी पुलिस के हवाले किया है। सीताबर्डी पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

समाज के लिए इस तरह की घटनाएं खबरें मात्र ही रहीं शायद, लेकिन क्यों? आदमी-औरत के बीच का रिश्ता शरीर पर आकर ही क्यों रुकता है? अकेली लड़की या औरत क्यों अपने शरीर की कीमत चुकाती है?  ऐसी घटनाओं के उपरान्त स्त्री-पुरुष की चर्चा होती है, तो दोनों पक्ष अपनी-अपनी आंखों पर पूर्वाग्रह का चश्मा चढ़ा लेते हैं, उसके बाद बहस में भाग लेते हैं। इस तरह की बहस से किसी प्रकार का परिणाम तो प्राप्त होता नहीं। हां, आपसी मतभेद और सामाजिक विसंगतियां बुरी तरह निकल कर जरूर सामने आ जाती हैं। गिरफ्तार आरोपियों के साथ भी ऐसा ही होने वाला है। एक धड़ा उनकी बचाव के लिए खड़ा होगा, तो दूसरा नाबालिग को कुलटा साबित करेगा। बहरहाल, आटो चालक शहनवाज उर्फ साना मोहम्मद रशीद, मोहम्मद तौसिफ मोहम्मद युसुफ और मोहम्मद मुशीर गिरफ्त में आ चुके हैं। सभी मोमिनपुरा निवासी हैं। प्रकरण में दो कुलियों की तलाश की जा रही है। कहा जा रहा है कि इस वारदात में वे भी साथ थे। 

जानकारी के अनुसार, गुरुवार की रात इमामवाड़ा निवासी उक्त नाबालिग को लोहापुल के पास अकेली अवस्था देखकर ऑटो चालक शहनवाज की नीयत खराब हो गई। उसने उसके पास ऑटो रोक कर पूछा कि कहां जाना है। परिजनों से विवाद कर गुस्से में घर से भागी नाबालिग ने उसे सच बता दी। शहनवाज अगर चाहता तो उसे समझाकर वापस घर की ओर भी ला सकता था, प्रशंसा का पात्र भी बनता, लेकिन वह निकला वहशी। दो मीठे बोल बोल कर उसने उसे ऑटो में बिठा तो लिया और रफ्तार तेज गई। पीड़िता तब तक परिवार के साथ घटित घटनाओं के उधेड़बुन में खोई थी। अचानक आवाज आई-उतरो। चलो, चलें। वह उतर गई। इधर-उधर देखी, तो जगह अनजान लगा। पूछने पर शहनवाज ने बताया कि थोड़ी देर रुककर तुम्हारे घर पर चलते हैं। शायद गुस्से में लोग होंगे। दोनों एक घर में पहुंचे। वहां 3 ओर लोग थे, जिन्हें शहनवाज ने घरवालों के रूप में परिचय दिया। बात-बात में उसने कोई पेय पदार्थ उसे पीने को दिया। पीने के बाद मदहोशी जैसी स्थिति में वह न जाने क्या-क्या बकती जा रही थी, और दूसरी ओर उसके शरीर के साथ छेड़छाड़ शुरू हो गई।  दरअसल, यह शाहनवाज के एक मित्र का घर था, जो टिमकी में रहता है। फोन करके उसने दो और दोस्तों को बुला लिया था। शराब का दौर चलता रहा और वे नाबालिग को रौंदते रहे। रात बीत जाने के बाद आरोपी उसे लेकर मेयो अस्पताल के पास पहुंचे। वहां उनके और दो दोस्त मिले। मेयो अस्पताल के सामने मेट्रो रेलवे ब्रिज के नीचे खड़े आटो रिक्शा में ही पीड़िता की आबरु उन दोनों ने फिर लूटी। शनिवार की दोपहर लगभग 3 बजे पीड़िता को रेलवे स्टेशन के पास आरोपी छोड़कर फरार हो गए।

बदहवास स्थिति में नाबालिग नागपुर रेलवे स्टेशन परिसर में पड़ी थी। अचानक एक चाइल्ड लाइन वर्कर की उस पर नजर पड़ी। उसने अपने साथियों को बुलाया और नाबालिग को लोगमार्ग पुलिस के हवाले कर दिया।  पीड़िता का मेडिकल व कोराना टेस्ट कराया गया। उसके बाद बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष के आदेश पर उसे आशा किरण बाल गृह भेज दिया गया। पीड़िता ने बालगृह अधीक्षक को आपबीती सुनाई। नाबालिग के साथ दुष्कर्म की जानकारी मिलते ही लोहमार्ग पुलिस ने बालगृह पहुंचकर पीड़िता का बयान दर्ज किया और आरोपियों की तलाश में जुट गई। संदेह के आधार पर शहनवाज उर्फ साना, मो. तौसिफ व मो. मुशीर को धर दबोचा गया। 

बलात्कार किसी भी स्थिति में हुआ हो वह एक महिला के शरीर से, उसके मानसिक और सामाजिक स्तर से छेड़छाड़ की स्थिति है, इसे किसी भी कीमत पर स्वीकारा नहीं जाना चाहिए। घर के बाहर तो ‘भेड़िये’ हैं ही, देहरी के अंदर भी देह के अंदर झांकने की कोशिश होती है। वाड़ी पुलिस स्टेशन क्षेत्र अंतर्गत दृग्धमना गांव में एक व्यक्ति ने 7 साल की भतीजी के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनकर कुछ महिलाएं दौड़ी तो सन्न रह गईं। गांव के लोगों की सहायता से उन्होंने उसे नग्न अवस्था में ही पकड़ लिया और वाड़ी पुलिस के हवाले किया। कहा जाता है कि आरोपी गांव की बच्चियों और महिलाओं के साथ गंदी हरकतें करता था। चार-पांच पकड़ा भी गया, लेकिन लोगों ने मामले को संभाल लिया। हालांकि उसकी खूब पिटाई भी हुई। शराब के नशे में वह हरकतें करता था।  रविवार को उसने अपनी ही 7 साल की भतीजी को हवस का शिकार बनाने की कोशिश की, तो लोग भड़क उठे। उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।   

दोनों ही मामले अब पुलिस के पास हैं। कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है। त्वरित फैसले की व्यवस्था नहीं होने के कारण अंजाम पर पहुंचने के पहले ही लोग दोनों ही घटनाओं के भूलने लगेंगे। बस, यादें ताजा होंगी। और खासकर तब, जब ऐसी ही घटनाएं दोहराई जाएंगी। पत्थरों की बस्ती में अबला तो पिसेगी ही, चाहे कहीं भी जाए, तस्वीर बदलकर भेड़िये फिर आएंगे…और किसी की इज्जत तार-तार होगी।


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